दर्द एक बीमारी नहीं, मात्र एक लक्षण है जिसके पीछे का कारण का निदान और इलाज आवश्यक है। दर्द को नज़रंदाज़ करना लगभग हर भारतीय की आदत होती है । परंतु यदि दर्द की अवधि 3 महीना या उससे अधिक हो जाए तो उसका इलाज जटिल हो जाता है । हम में से अधिकांश लोगों ने कभी ना कभी दर्द का अनुभव किया ही होगा, कभी ये दर्द कुछ ही समय का होता है और साधारण उपायों से वह ठीक भी हो जाता है लेकिन कई बार दर्द अधिक समय तक बना रहता है या बार-बार होता है। ऐसे में इसे नजरअंदाज करना गलत हो सकता है। खुद से दर्दनिवारक दवा खा लेना, बाम लगा लेना या सेक दे लेना, ये सब कुछ समय के लिए दर्द कम कर सकते है परंतु इसका ठोस डाययग्नोसिस करना एवं इलाज लेना बहुत ज़रूरी है ।
Jiyyo Innovations के द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें जियो मित्र ई क्लिनिक के पैनलिस्ट डॉक्टर रचित गुलाटी ने दर्द और गठिया रोग से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातों की चर्चा की।
डॉक्टर रचित गुलाटी अर्थराइटिस और गठिया रोग (Arthritis and Gout) के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं।
इस वेबिनार में बतायी गयी महत्वपूर्ण बातों का एक लेख हम यहाँ पर प्रस्तुत कर रहे हैं। आइए हम डॉक्टर रचित गुलाटी के द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर एक दृष्टि डालते हैं।
दर्द और गठिया रोग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर रचित गुलाटी के द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि मरीज़ को डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए। यदि मरीज़ को निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे दर्द और गठिया रोग के निदान के लिए डॉक्टर के पास भेजें-
1.) गले या स्पाइन में जकड़न होना।
2.) किसी भी जोड़ में सूजन होना।
3.) शरीर का लाल होना।
4.) शरीर में झनझनाहट होना।
5.) सुन्न हो जाना।
6.) शरीर में कमज़ोरी महसूस करना।
7.) रोज़ाना के कार्य करने में दिक़्क़त होना।
डॉक्टर रचित गुलाटी के अनुसार यदि किसी भी रोग का परीक्षण उसकी प्रारंभिक अवस्था में हो जाएं तथा रोग के लिए उच्चतम उपचार व्यवस्था प्रदान की जाए तो ऐसे में रोग का निवारण अच्छे तौर पर किया जा सकता है।
Q.) यदि मुझे गठिया रोग या आर्थराइटिस (Arthritis) है तो क्या मेरे इस रोग का सम्पूर्ण इलाज (Complete treatment)संभव है?
A.) डॉक्टर रचित गुलाटी के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर है “हाँ”। यदि किसी व्यक्ति को गठिया रोग है और इस बीमारी का परीक्षण इसके सही समय या गोल्डन पीरियड में हो जाता है तो ऐसे में सटीक इलाज या पिन पॉइंट इलाज के द्वारा मरीज़ के रोग का निदान किया जा सकता है।
यदि मरीज़ सही समय पर कुशल डॉक्टर के पास पहुँच जाता है तो ऐसे में उसे सामान्य जीवन आसानी से दिया जा सकता है।
एक व्यक्ति को सर से लेकर पैर तक कई तरह के शारीरिक दर्द (physical pain) का सामना करना पड़ता है। आज के अपने इस लेख में हम बात करेंगे इन्ही सब परेशानियों के बारे में। तो आइए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए हम डॉक्टर रचित गुलाटी के द्वारा बतायी गई कुछ चीज़ों को आपके सामने रखते हैं।
सिरदर्द तीन प्रकार का होता है-
1.) तनाव के कारण (Anxiety)
यदि किसी व्यक्ति को तनाव के कारण सिरदर्द है तो ऐसे में इस व्यक्ति को सर के अगले भाग में जहाँ पर माथा होता है वहाँ पर दर्द महसूस होता है या माथे में ही दर्द महसूस होता है। तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द को हल्का ना समझें। जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
2.) माइग्रेन (Migraine)
जिस व्यक्ति को माइग्रेन होता है उसके आधे सर वाले भाग में दर्द होता है। यह दर्द काफ़ी तीव्र होता है जिस कारण व्यक्ति को उल्टियां भी हो सकती हैं।
3.) क्लस्टर
क्लस्टर से पीड़ित व्यक्ति की एक आँख के अंदर तीव्र दर्द होता है। यह दर्द इतना तेज होता है कि मरीज़ को देखने तक में परेशानी होने लगती है। क्लस्टर से पीड़ित व्यक्ति दर्द से इतना परेशान हो सकता है कि वह आत्महत्या के बारे में भी सोचता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी है।
टीएम ज्वाइंट में दर्द
टीएम ज्वाइंट में दर्द होने के कारण व्यक्ति को सही से खाने पीने में परेशानी होती है।
गर्दन में कई प्रकार का दर्द हो सकता है। कुछ लोगों को गर्दन के पीछे दर्द की समस्या होती है जिसके कारण उन्हें अपने हाथ को सही प्रकार से चलाने या उठाने में तक़लीफ़ होती है।
गर्दन के दर्द का टेस्ट या परीक्षण स्पर्लिंग टेस्ट के द्वारा किया जाता है। सही प्रकार से किया गया स्पर्लिंग टेस्ट डॉक्टर को ये समझने में मदद करता है कि गर्दन के द्वारा किसी हाथ की नस दब रही है या नहीं।
- शरीर में ख़राब पॉश्चर, तनाव या शुगर व थायराइड की वजह से ट्रिगर पॉइंट्स का निर्माण होता है।
- इन ट्रिगर पॉइंट्स को दबाने से पूरे शरीर में दर्द होता है। ट्रिगर पॉइंट्स का परीक्षण काफ़ी मुश्किल होता है क्योंकि दर्द की वजह अक्सर हड्डियों से जोड़ी जाती है।
- ट्रिगर पॉइंट्स उंगली के बराबर के स्थान में फैले हुए बिंदु होते हैं जिनको दबाने से पूरे शरीर में दर्द होता है।
कई बार मरीज़ गर्दन को सही से घुमा ना पाने की शिकायत करते हैं। ज़्यादातर बूढ़ी महिलाएँ डॉक्टर को यह कहते हुए पाई जाती हैं कि वे अपनी गर्दन को सही से सामने की ओर नहीं मोड़ पा रही हैं। इसी के साथ कुछ लोगों को गर्दन को दाएँ व बाएँ कंधे तक ले जाने में भी परेशानी होती है।
गर्दन की गति की सीमा जिस भी तरफ़ बाधित हो रही है उसको परीक्षण के द्वारा पता करके सही किया जा सकता है।
ज़्यादातर मरीज़ ये बताते हैं कि उन्हें कंधे में दर्द है तो इसका मतलब है कि उन्हें फ्रोजन शोल्डर हो गया है। सारे कंधे के दर्द फ्रोजन शोल्डर नहीं होते हैं।
कंधे की भी गति की सीमा होती है। कंधा कितना आगे जा सकता है, कितना पीछे जा सकता है तथा कितना किसी विशेष दिशा में जा सकता है यह कंधे की गति की सीमा ही तय करती है।
कंधे की समस्या से पीड़ित यदि कोई मरीज़ होगा तो उसके कंधे की गति की सीमा में समस्या होगी। उसे किसी ना किसी दिशा में कंधे को मोड़ने में परेशानी पेश आ सकती है।
1.) एमटी काइंड टेस्ट
इस टेस्ट के लिए मरीज़ को एक कोका कोला के केन को ख़ाली करने जैसी प्रक्रिया करने हेतु कहा जाता है अर्थात मरीज़ अपने हाथ को सीधा उठाकर ऊपर की ओर ले जाता है। हेल्थ पार्टनर को उसको रोकना है या उसके हाथ को उठाने से रोकना है। मरीज़ को ज़ोर लगाकर हाथ उठाना होता है। इससे कंधे की गति की सीमा देखी जाती है।
2.) स्कार्फ़ टेस्ट
इस टेस्ट के लिए मरीज़ को अपने हाथ को इस प्रकार मोड़कर कंधे तक लाना होता है जैसे एक स्कार्फ़ लगाया जाता है। मरीज़ एक हाथ से दूसरे कंधे को छूने की कोशिश करता है। यदि मरीज़ के कंधे में दर्द होता है तो ऐसे में ये समझा जा सकता है कि कंधे के किसी विशेष जोड़ में दर्द या परेशानी है। इस प्रकार इसे भी जाँचा जा सकता है। इसके द्वारा दूर बैठे मरीज़ का बिना MRI किए ही टेस्ट किया जा सकता है जिससे मरीज़ का समय और पैसा दोनों बचता है।
3.) कंधे को अंदर की ओर घुमाना
इस टेस्ट में हेल्थ पार्टनर मरीज़ के कंधे को अंदर की ओर घुमाने की कोशिश करता है। यदि मरीज़ को इस क्रिया के दौरान दर्द होता है तो ऐसे में उसके कंधे के दर्द को जाँचा जा सकता है।
4.) बाइसेप्स को दबाकर
हेल्थ पार्टनर के द्वारा मरीज़ के बाइसेप्स को दबाया जाता है। यदि इस प्रक्रिया में मरीज़ को परेशानी या दर्द महसूस होता है तो कंधे की समस्या का पता चल जाता है।
टेनिस एल्बो एक प्रकार का कोहनी का दर्द है जिसको आम लोगों के साथ साथ सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे सेलिब्रिटीज़ ने भी झेला है।
कोहनी के दर्द का टेस्ट
कोहनी के दर्द को जाँचने के लिए मरीज़ को अपनी मुट्ठी को बाँधकर के ऊपर की ओर करना होता है। इस प्रक्रिया में यदि मरीज़ के जोड़ों में दर्द हो रहा है तो इसका मतलब होता है कि मरीज़ को टेनिस एल्बो है। इस जाँच के बाद मरीज़ का इलाज दूर बैठे भी किया जा सकता है।
हाथ में गठिया रोग का टेस्ट
हेल्थ पार्टनर को मरीज़ की हथेली को पकड़ के उसे इस प्रकार दबाना है जैसे एक नींबू को निचोड़ा जाता है। यदि इस प्रक्रिया में मरीज़ को दर्द हो रहा है तो इससे गठिया रोग की तीव्रता का पता लगाया जा सकता है।
कमर दर्द मांसपेशियों, डिस्क तथा जोड़ों की वजह से हो सकता है।
1.) कमर की गति की सीमा
कमर की गति की सीमा को देखने के लिए मरीज़ को सामने की ओर तथा पीछे की ओर झुकाया जाता है। मरीज़ एक जगह पर खड़े होकर अपने शरीर के ऊपरी भाग को दाएँ व बाएँ मोड़ने की कोशिश भी करता है।
इससे भी कमर की गति की सीमा पता चलती है। यदि मरीज़ को किसी विशेष दिशा में अपने शरीर को मोड़ने में परेशानी है तो इससे भी डॉक्टर को पता चलता है कि कमर के किस भाग में किस प्रकार का दर्द है।
2.) पैर उठाना
मरीज़ को लिटाकर उसके पैर को हेल्थ पार्टनर के द्वारा उठाया जाता है। मरीज़ को स्वतः अपने पैर नहीं उठाने होते हैं। यदि मरीज़ तीस डिग्री से सत्तर डिग्री के बीच में दर्द महसूस करता है तो इसका अर्थ है कि उसे उसे स्लिप डिस्क हो रहा है जो एक कॉमन प्रकार का कमर दर्द है।
3.) लोडिंग टेस्ट
मरीज़ को एक तरफ़ झुककर के पीछे की ओर मुड़ने को कहा जाता है। यदि मरीज़ की रीढ़ की हड्डी के पास में कहीं पर भी दर्द हो रहा है तो इससे पता चलता है कि मरीज़ के किसी विशेष चोट और दर्द का कारण डिस्क नहीं है।
4.) फेबर टेस्ट
मरीज़ को लिटाकर के मरीज़ के घुटने गणित के अंक चार या फ़ोर की पोज़ीशन बनायी जाती है। मरीज़ के घुटने और कूल्हे पर प्रेशर डाला जाता है। यदि मरीज़ को दर्द महसूस होता है तो डॉक्टर को बता करके उसका इलाज कराया जा सकता है।
5.) पिरिफोर्मिस टेस्ट
मरीज़ को लिटाकर करके घुटने मोड़कर फ़ोर बनाया जाता है तथा अपने घुटनों को फ़ोर की पोज़ीशन में पेट की तरफ़ लाकर के मिलाना होता है। यदि मरीज़ के कूल्हे की हड्डी के पास दर्द हो तो कमर दर्द का पता चल जाता है।
दोनों घुटनों को कंपेयर करके ये देखा जाता है कि घुटने में सूजन है या नहीं। सूजन को कुछ दवाइयों के माध्यम से दूर किया जाता है। हेल्थ पार्टनर छूकर या देख कर डॉक्टर को यह बता सकते हैं कि सूजन है या नहीं जिसके बाद इलाज किया जा सकता है।
मरीज़ को लेटाकर उसके पैर को उठाकर मोड़ा जाता है। एक बार मरीज़ के घुटने को सीधा किया जाता है और फिर मोड़ा जाता है। इससे घुटने में कड़कड़ाहट या ऑस्टियोआर्थराइटिस का पता लगाया जा सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने के साथ साथ होने वाली एक समस्या है।
एड़ी को ऊपर उठाकर और नीचे रखकर यह देखा जाता है कि एड़ी में दर्द है या नहीं। इसी प्रकार एड़ी कितनी ऊपर तक उठ सकती है इससे भी एड़ी की गति की सीमा देखी जा सकती है।
कुछ मरीज़ों को सोकर उठने के बाद तलवे में दर्द होता है और थोड़ा चलने के बाद ठीक हो जाता है। इसी के साथ कुछ लोगों को थोड़ा चलने के बाद तलवों में दर्द महसूस होता है। इसकी जाँच के लिए तलवे के नीचे के हिस्से को दबाया जाता है। यदि मरीज़ को दर्द महसूस होता है तो ऐसे में तलवे के दर्द का डायग्नोसिस हो जाता है।
प्रश्न- मेरी उम्र 38 साल है। दो साल पहले मेरा एक्सीडेंट हुआ था। अभी जब मैं सुबह सोकर उठता हूँ तो मेरी पीठ में दर्द होता है। रात में भी थोड़ा दर्द होता है लेकिन सुबह उठकर की यह दर्द काफ़ी ज़्यादा महसूस होता है।
दिन भर दर्द नहीं होता क्योंकि चलते फिरते रहते हैं लेकिन सुबह यह दर्द काफ़ी ज़्यादा महसूस होता है। यह दर्द 10-15 मिनट तक मुझे रहता है। मुझे यह समस्या एक्सीडेंट के बाद ही महसूस होना शुरू हुई है। उसके पहले पीठ में दर्द नहीं होता था बस थोड़ा थोड़ा कभी कभी कंधे में दर्द होता था।
उत्तर- आप कमर का एक छोटा सा एक्स रे कराकर मुझे दिखाएं। इसी के साथ अभी मैंने आपको फेबर टेस्ट के बारे में बताया था। यह टेस्ट आप स्वयं पर करके देखें और यदि आपको दर्द महसूस हो तो मैं आप की मदद करूँगा।
प्रश्न- मेरे एक मरीज़ को एड़ियों में दर्द की समस्या है। जब मरीज़ एड़ियों को बाईं तरफ़ मोड़ने की कोशिश करता है तो उसे यह दर्द होता है। उसे 6 महीने से इस दर्द की समस्या है। काफ़ी पहले मरीज़ को कोई चोट लगी थी लेकिन यह समस्या 6 महीने से ही देखने को मिल रही है। मरीज़ की उम्र 26 साल है।
उत्तर- इलियोटबल बैंड सिंड्रोम या आईटी सिंड्रोम कूल्हे की हड्डी से घुटने की ओर जाता है। कूल्हे में पाई जाने वाली हड्डी इलियम तथा पैरों में पाई जाने वाली टीबिया हड्डी के बीच में यह दर्द पाया जाता है।
जब हम बाएँ तरफ़ मुड़ने की कोशिश करते हैं तो इस बैंड में काफ़ी दर्द या जलन उत्पन्न होने लगता है। ये एक सामान्य बीमारी है और ख़ासकर के युवा लोगों में इसे अक्सर देखा जाता है। इस पेशेंट के इलाज के लिए लिगामेंट तथा बैंड का ऑब्जर्वेशन किया जाएगा। तत्पश्चात इसका इलाज संभव हो पाएगा।
प्रश्न- यदि किसी मरीज़ की उम्र 29 वर्ष है और उसे एड़ियों के दर्द की समस्या है। इस वेबिनार में बताए गए एड़ी के टेस्ट के द्वारा जाँच करने पर किस प्रकार इलाज हो सकता है?
उत्तर- हमारी एडियों से जुड़ा हुआ एक लिगामेंट होता है जो चारों तरफ़ फैल जाता है। इसको प्लांटाफिशिया कहते हैं। कभी कभी इस प्लांटाफिशिया में दर्द होने लगता है। कभी कभी दर्द या खिंचाव होने की वजह से हड्डी से एक स्पर या कांटा निकल आता है जिसे कलकेनियर स्पर बोलते हैं। इन दोनों की वजह से ही दर्द होता है। इन दोनों की वजह से एडियो में उस प्रकार के दर्द की संभावना उठती है जैसा इस वेबिनार में टेस्ट के माध्यम से बताया गया है।
इस प्रकार के दर्द के इलाज के लिए दवाइयों के साथ साथ व्यायाम तथा जूते के बदलने तक को डॉक्टर के द्वारा कहा जा सकता है। मरीज़ को सदा नरम तले वाले जूते को ही पहनना चाहिए।
प्रश्न- मेरी उम्र 30 साल है। मुझे कभी कोई इंजरी या चोट नहीं लगी लेकिन तब भी सीने को छूने पर दर्द होता है। इसका इलाज किस प्रकार हो सकता है?
उत्तर- यह एक सामान्य प्रकार की समस्या है जिससे कॉस्टाकॉन्ट्राइटिस के नाम से जानते हैं। इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी में जहाँ पर मांसपेशियाँ जुड़ी हुई होती हैं वहाँ पर दर्द होता है। ये दर्द एक या दो विशेष बिंदुओं को छूने पर ही होता है। इसके लिए पेनकिलर खाया जा सकता है। गर्म पानी से सिकाई भी की जा सकती है और प्राणायाम वाला योग आसन किया जा सकता है।
प्रश्न- रात में दोनों टांगों के पीछे दर्द होने का कारण क्या है?
उत्तर- ये सामान्य प्रकार का होने वाला दर्द है जिसे सिंपल नाइटक्रैम्स के नाम से भी जाना जाता है। ह्यूमिडिटी वाले मौसम में यह समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है।
सलाह- यदि किसी व्यक्ति को रूमेटाइड अर्थराइटिस है तथा उसका किसी डॉक्टर से ट्रीटमेंट चल रहा है। ऐसे में यदि कोई मरीज़ ऐसी शिकायत लेकर आता है कि जैसे उसके नॉजिया या अन्य कोई परेशानी हो रही है तो मरीज़ से जो दवाइयां चल रही हैं उनके बारे में पूछना चाहिए। इसी के साथ मरीज़ को यह बताना ज़रूरी है कि किसी विशेष दवा का साइड इफेक्ट क्या हो सकता है।
प्रश्न- एक फ़ीमेल मरीज़ की उम्र 24 साल है जिसे रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या हो रही है। उनका इस चीज़ का ट्रीटमेंट चल रहा है और उन्हें इससे आराम भी हो रहा है। मेरा सवाल ये है कि इस मरीज़ को कब तक उपचार करवाना पड़ेगा? क्या यह उपचार पूरी ज़िंदगी चलेगा या फिर इसमें कुछ दिनों बाद आराम हो जाएगा तथा इलाज बंद हो जाएगा?
उत्तर- एक ऐप के द्वारा मरीज़ का एक स्कोर किया जाता है। यह स्कोर कैलकुलेटर किया जाता है जिसे डास स्कोर भी कहते हैं। इससे किसी मरीज़ की अर्थराइटिस की तीव्रता को पहचाना जाता है। इस स्कोर के द्वारा यह पता चलता है कि मरीज़ के अर्थराइटिस की तीव्रता उच्च है, मध्यम है या फिर अति उच्चतम है। इससे यह पता किया जा सकता है कि मरीज़ का यह रोग किस दिशा में जा रहा है।
इस वेबिनार के रूपांतरित लेख का उद्देश्य मरीज़ों को बीमारियों के प्रति जागरूक कराना है तथा इसी के साथ उन्हें सरल एवं उचित इलाज के बारे में बताना भी है। उम्मीद है इस लेख के द्वारा आपको काफ़ी सहायता उपलब्ध होगी।
37 Comments
Renu Gola
Agr aapko achi health chahiye,pain se hmesa ke liye relief chahiye to call me now my contact number. 8077843500
Gulab meena
Sir meri wife ko 1sal se jod pain v masls me drd hota h or subh sarir sunnh ho jata h to eska satik ilaj bataye
Sunil Bhardwaj
Meri Mata Jee ko Ghutne me 2 Sal se Dard Hai Aur Usi Leg me Jhinjhinahat Rah Raha hai Mai kya kru ki meri Mata jee thik ho jaye
Sunil Bhardwaj
Meri Mata Jee ko Ghutne me 2 Sal se Dard Hai Aur Usi Leg me Jhinjhinahat Rah Raha hai Mai kya kru ki meri Mata jee thik ho jaye
Nida Ansari
Mujhe takreeban 2 saal phle ringt leg me moch aayi thi wo abtak theek nhi hua mere pair pr chalne , khde hone ya pair pr zor dene pr soojan aajati hai.... Me bht pareshan hu... Abhi 2 din se mere left feet ki ek nas sooj rhi hai or usme bhi drd hai please help me
Shaikh asif
Sir meri mises r a 96 hai aor unke jodo me baho dard hai sir pliss bataiye Kiya kre
ललित राहँगडाले
जोडो मे दर्द है सर कैसे दूर करे।
ललित राहँगडाले
जोडो मे दर्द है सर कैसे दूर करे।
Sofiya chaudhary
Meri mummy ko pure badan mein dard hai 10mahine se jyada ho gya test hue to pta chala gathiya baa ka dard h to ab hume kya krna chaiye
Vinay Sharma
Sir mere poore sarir main jhunjhuni hai main bahut paresaan hoon 8 saalo se main itna depression mai hoon ki ab toh mujhe suside karne ka man karta hai kripya mujhe apna margdarshan de sir pls mera no. Hai 9131208367
Pooja Kumari
Mere papa ka umar 56 saal hai woh bilkul bhi chal nhi pate hai , upay bataye ki kaise woh pahle jaise chale.
Purushott Soni
Meri patni Mina Soni ko ghutnon mein dard rahata hai aur pure ghutne nahin mood nahin paate hain डॉक्टरों ने एथेंस बताया है जिसका कोई उपचार नहीं मिल रहा है खाने में कभी-कभी कुछ ऐसी चीजें चली जाती हैं जिनके बारे में मुझे पता नहीं है जिससे सारे जोड़ों में दर्द होने लगती है कृपया उचित मार्गदर्शन दें
swami nath kannoujiya
Sir meri age 22 h mujhe gathiya ki bimari h 2- 3 sal se h bhot dr ko dikhaya pr kuch aram nhi mila abhi mumbai bhi 1 dr.ko dikhaya 1 week to gayab ho gya dard pr thande mosam hone pr dard hone lagta h teji se abhi m bhot pareshan hu kya ap jad se khatm kr sakte h? R.A. factor 153 h.
Prashant barai
Hello sir Mere papa ki age h 48 unko 6 se 7 saal se dard h tik nhi ho rhe hai Please help
Bhuri devi
Sir RH fectory pogitev hai . Doctor ne gantiya btaya hai. Kya kare
Bhuri devi
Sir RH fectory pogitev hai . Doctor ne gantiya btaya hai. Kya kare
Bhuri devi
Sir RH fectory pogitev hai . Doctor ne gantiya btaya hai. Kya kare
Bhuri devi
Sir RH fectory pogitev hai . Doctor ne gantiya btaya hai. Kya kare
Neha kumari
Arithritis
mohinder pal
Ghutne me dard left knee Age 65 Care Rockland hospital. Might see soon Dr. Rachit Gulati ji from mohinder pal 8800753605/8882590700
mohinder pal
Ghutne me dard left knee Age 65 Care Rockland hospital. Might see soon Dr. Rachit Gulati ji
mohinder pal
Ghutne me dard left knee Age 65 Care Rockland hospital. Might see soon Dr. Rachit Gulati ji
Sunita Malhotra
Mujhe 4 Sal ho gaya hai mujhe yah Nahin pata ki ghatiya hai ki kis chij ka pahle Mujhe Puri body bhi Dard rahata Hai To Mujhe daily painkiller Khani padte 4 Sal ho gaye lekin mujhe abhi tak Kuchh Aaram nahin hai please suggest Karen Ki Main Kya Karun Aur kaun se doctor ke pass jaaun
Sunita Malhotra
Mujhe 4 Sal ho gaya hai mujhe yah Nahin pata ki ghatiya hai ki kis chij ka pahle Mujhe Puri body bhi Dard rahata Hai To Mujhe daily painkiller Khani padte 4 Sal ho gaye lekin mujhe abhi tak Kuchh Aaram nahin hai please suggest Karen Ki Main Kya Karun Aur kaun se doctor ke pass jaaun
Minakshi
Thyroid granthi ke site me achanak dard wali gathiya. Konasi disease ki hoti hai
Minakshi
Thyroid granthi ke site me achanak dard wali gathiya. Konasi disease ki hoti hai
Minakshi
Thyroid granthi ke site me achanak dard wali gathiya. Konasi disease ki hoti hai
Minakshi
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Minakshi
Thyroid granthi ke site me achanak dard wali gathiya. Konasi disease ki hoti hai
Dinesh.k.panday
Ghutne mein Dard rahata hai
Radha
मै महिला हू मैरे शरीर मे गठिया रोग से सारे शरीर मे दर्द रहता है ओर सूजन भी आती है
Rajendra niranjan
Sir Meri mummy hai. Unko kafi time ho gaya uric acid bhi bada hai. Or gale me jalan type hoti khatii dakare ati gale or gardan ki nashe Or kandha dard karta hath per kamar. Ghatna. Mene bahut sare doctor ko dikha liya hu pareshan ho gaya hu aram nahi mill raha. Plz Sir app mujhe kuch bataiye
Hansraj
मेरे दोनो पैरो में हड्डी के जोड में गठिया का काफी दर्द रहता है दवा लेने पर ठीक हो जाता है और कुछ दिन बाद फिर दर्द हो जाता है सूजन भी रहती हे जोड़ो में मेरी उम्र 38 साल ही में क्या करू।
Hansraj
मेरे दोनो पैरो में हड्डी के जोड में गठिया का काफी दर्द रहता है दवा लेने पर ठीक हो जाता है और कुछ दिन बाद फिर दर्द हो जाता है सूजन भी रहती हे जोड़ो में मेरी उम्र 38 साल ही में क्या करू।
Hansraj
मेरे दोनो पैरो में हड्डी के जोड में गठिया का काफी दर्द रहता है दवा लेने पर ठीक हो जाता है और कुछ दिन बाद फिर दर्द हो जाता है सूजन भी रहती हे जोड़ो में मेरी उम्र 38 साल ही में क्या करू।
Yasmin
मे 30 उम्र की महिला हूं मुझे घुटनो से लेकर तलवे तक दर्द होता है और पैरो में जलन महसूस होती है सुबह उठने से रात को सोने तक रहता है कभी कभी कंधो और गर्दन में कभी कभार दर्द रहता है ज्यादातर घुटनो से नीचे वाले हिस्से में दर्द रहता है मुझे कोई जरूरी सलाह दे धन्यवाद
Sushil Kr Mishra
सर मेरे बाएं कंधे में दर्द होता है और सीने में भी दोनो के हड्डियो में दर्द होता है । छिंकता हूं या सांस खींचता है तो दर्द होता है और कन्धे की दबाता हूं तो दर्द होता है वैसे आराम करने पर दर्द नहीं होता है ।कभी कभी दोनों कंधे में दर्द होता है और पीठ में भी दर्द होता है