डायरिया(Diarrhoea) पाचन से संबंधित एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को दस्त आना शुरू हो जाते हैं। वैसे तो व्यक्ति को दस्त आने की बीमारी एक सामान्य बीमारी है लेकिन इसका उपचार बेहद ज़रूरी है।डायरिया में भी व्यक्ति को लगातार दस्त आते हैं जो यदि ठीक न हो तो निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।डायरिया की बीमारी एक साधारण बीमारी है, जो हर व्यक्ति को साल में एक या दो बार जरूर होती है। इससे व्यक्ति के अंदर बहुत कमजोरी पैदा हो जाती है। अगर यह लगातार कई दिनों तक हो जाए तो इससे मौत भी हो सकती है।
डायरिया में व्यक्ति को जो मलत्याग होता है कि वह काफ़ी पतला होता है। ये रोग आंतों में रहने वाले परजीवी के कारण देखने को मिलता है। इस रोग में व्यक्ति के शरीर से पानी की मात्रा काफ़ी ज़्यादा निकल जाती है। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे मृत्यु का ख़तरा बढ़ जाता है। डायरिया की बीमारी के कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह रोग अचानक से शुरू होता है और लंबे समय तक रहता है। बार बार दस्त आने के कारण शरीर में पानी और नमक की बहुत कमी हो जाती है जो मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
डायरिया की बीमारी को आसानी से काबू में किया जा सकता है। इस बीमारी पर नियंत्रण पाने का सबसे आसान तरीका यह है कि शरीर से जितना पानी और नमक खत्म हुआ है उसकी भरपाई की जाए। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि ओआरएस(ORS) का घोल या नमक पानी व चीनी का घोल बनाकर दिन में कई बार पिया जाए।
ज्यादातर डायरिया की बीमारी नमक और ओआरएस(ORS) के घोल से सही हो जाती है और ये घरेलू नुस्ख़े के तौर पर भी जाना जाता है। डायरिया(Diarrhoea) के रोगी अक्सर इस तरीक़े को अपनाते हैं लेकिन हमारी तरफ़ से आपको सबसे प्रथम सलाह यही दी जाती है कि आप डायरिया या किसी भी रोग के उत्पन्न होने पर डॉक्टरी परामर्श लें और उसके पश्चात घरेलू उपायों को अपनाएं।
आज के अपने इस लेख में हम डायरिया के कारण, लक्षण और निवारण पर एक नज़र डालेंगे। तो आइए अपने इस लेख की शुरुआत करते हैं।
1.) बहुत पतला दस्त आना
इस हालत में व्यक्ति को बहुत ज्यादा पतला दस्त आता है। यह दिन में कई बार आता है जिससे व्यक्ति कमज़ोर हो जाता है। इसका इलाज घर पर आसानी से किया जा सकता है। यह बस एक या दो दिन तक रहता है। इस हालत में किसी खास इलाज की जरूरत नहीं होती। इसे घरेलू इलाज से आसानी से सही किया जा सकता है।
2.) कई दिनों तक दस्त आना
डायरिया के इस प्रकार में व्यक्ति को ऐसे दस्त आते हैं जो कई हफ्तों तक रहते है और यह बिना डॉक्टर की दवा के सही नहीं होता। इसलिए जब एक या दो दिन से ज्यादा दस्त आना बंद ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह निर्जलीकरण का कारण बन सकता है जिससे शरीर में बहुत कमजोरी हो जाती है।
3.) बराबर व लगातार दस्त रहना
डायरिया के इस प्रकार में बार-बार व्यक्ति को दस्त आता है और यह कई हफ्तों तक रहता है। यह बेहद ख़तरनाक स्थिति बन सकती है इसलिए बेहतर है कि ऐसी स्थिति का सामना करने पर बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क किया जाए और उपचार की विधि अपनायी जाए।
डायरिया की बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह एक वायरस है जो आंतों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसे वायरल गैस्ट्रो एंड्राइड व आंतों का फ़्लू भी कहा जाता है। यह व्यक्ति पर निर्भर है कि उसको किस कारण से दस्त आ रहा है।
हर व्यक्ति के दस्त आने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ कारण यह हैं-
1.) इंफेक्शन के कारण
2.) खाने में बेएहतियाती के कारण
3.) किसी दवा के नकारात्मक प्रभाव के कारण
4.) कुछ खाने से एलर्जी के कारण
5.) वायरल इंफेक्शन के कारण
6.) रेडिएशन थेरेपी के कारण
7.) फूड प्वाइजनिंग के कारण
8.) गंदगी के कारण
दस्त आने के कई लक्षण है जिनका अनुभव करके आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको डायरिया हो गया है, तो आइए जानते हैं वे लक्षण क्या हैं:
1.) बहुत ज्यादा मतली आना
2.) पेट में दर्द होना
3.) पेट में सूजन होना
4.) बहुत ज्यादा दर्द होना
5.) पानी की कमी होना
6.) बार बार बुखार आना
7.) खूनी मलत्याग होना
8.) बदहजमी होना
बड़े व्यक्तियों में डायरिया ज्यादा खतरनाक तो नहीं परंतु यह गंभीर बन सकता है क्योंकि इसके कारण व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिससे व्यक्ति को बहुत ज़्यादा कमज़ोरी आती है तथा वह सुस्त और थका हुआ महसूस करने लगता है।
व्यक्ति के शरीर की त्वचा सूखने लगती है। ऐसा शरीर में पानी की कमी होने के कारण होने लगता है। यदि शरीर में पानी का लेवल ख़तरनाक रूप से गिर जाए तो ऐसे में हृदय रोग होने की संभावना भी बढ़ सकती है। यदि किसी व्यक्ति को डायरिया हो गया है तो उसे प्यास का अनुभव अधिक होता है। इसी के साथ साथ व्यक्ति को दस्त और उल्टी आने की समस्या भी होती है। व्यक्ति के शरीर में काफ़ी ऐंठन होती है।
छोटे बच्चों में डायरिया की बीमारी बहुत खतरनाक हो सकती है क्योंकि यह बच्चे को एक दिन में ही बहुत ज्यादा कमजोर कर देती है। अगर बच्चे को बार-बार दस्त आ रहा हो तो फौरन ही उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। डायरिया की स्थिति बच्चे के लिए इतनी ख़तरनाक हो सकती है कि उसकी जान जाने का ख़तरा भी लगातार बना रहता है।
ज्यादा दस्त आने के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन भी हो जाता है। डायरिया में बच्चे जब रोते हैं तो उनकी आँखों से आँसू नहीं निकलते। ऐसा शरीर में पानी की कमी के कारण होता है जिससे अश्रु निर्माण की प्रक्रिया बाधित होती है।
डायरिया से पीड़ित बच्चों के शरीर में पानी और नमक की बहुत कमी हो जाती है जिसके कारण बच्चों की आंखें धसी धसी सी लगने लगती हैं। ज्यादा दस्त आने के कारण वे अच्छी नींद भी नहीं सो पाते क्योंकि उनके पेट में बहुत दर्द होता है।
1.) डायरिया की बीमारी का सबसे सही घरेलू उपचार है कि शरीर में पानी और नमक की कमी को दूर किया जाए। इसीलिए व्यक्ति को ज्यादा पानी पीने की आवश्यकता होती है। घरेलू इलाज नीमकोल और ओआरएस(ORS) घोल लेने के बावजूद भी अगर पानी की कमी पूरी नहीं हो रही तो ड्रिप लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है।
2.) डायरिया की बीमारी के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए डॉक्टर एंटी बायोटिक भी देते हैं जिससे आपके शरीर के इन्फेक्शन को दूर किया जा सकता है।
3.) नमक, चीनी व पानी का घोल सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके साथ अगर आप चाहे तो इसमें नींबू का रस भी मिलाकर पी सकते हैं। ऐसा आपको दिन में 6-7 बार करना है।
4.) काली चाय में नींबू का रस मिलाकर पीने से भी इसका इलाज हो सकता है।
5.) अपने आहार में हल्का खाना शामिल करें जैसे दलिया, खिचड़ी आदि।
6.) खाने में दही का सेवन करें।
7.) फलों में केला खांए।
8.) सफाई का खास खयाल रखें।
9.) खाना खाने से पहले हाथों को जरूर धोएं।
10.) बर्तनों को धोकर ही इस्तेमाल करें।
11.) ताज़े खाने का सेवन करें, बासी खाने से परहेज करें।
12.) उबले हुए पानी का सेवन करें।
वातावरण में बदलाव, गंदगी, स्वास्थ्य के प्रति जानकारी न होने तथा लापरवाही बरतने के कारण बहुत सी बीमारियां व्यक्ति को प्रभावित करती है। डायरिया भी दिन प्रतिदिन होने वाली एक साधारण बीमारी है जो गंभीर स्थिति तक जा सकती है तथा इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
डायरिया की बीमारी देखने में तो एक आम बीमारी है परंतु यह जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। यदि दो दिन में ही इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह बहुत खतरनाक हो सकती है।
बच्चों के लिए तो डायरिया की बीमारी और भी ज़्यादा ख़तरनाक मानी जाती है। इसलिए डायरिया से संबंधित हमारी सबसे पहली सलाह यही है कि आप अपनी पर्सनल हाइजीन को मेंटेन रखें तथा स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं। इसी के साथ साथ अपने आहार को स्वास्थ्यवर्धक बनाएँ। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें।
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